Parental Care in Amphibia उभयचरियों में पैतृक रक्षण

अंडो या शिशुओं की देखभाल, जब तक वे स्वतंत्र होकर परभक्षियों से अपना बचाव करने योग्य नहीं हो जाते, पैतृक रक्षण कहलाता है। जन्तु अपने अंडो और शिशुओं की परिवर्धन काल की देखभाल में बड़ी विविधता प्रदर्शित करते हैं।

उभयचारों द्वारा रक्षण की विधियां सामान्यतया दो श्रेणी के अन्तर्गत आती हैं।

1. घोसलों, शिशुसदनों या आक्षयों द्वारा सुरक्षा 

2. माता पिता द्वारा प्रत्यक्ष सुरक्षा ।


1. घोंसलों, शिशुसदनो या आश्रयों द्वारा रक्षा (Protection by nests, nurseries or shelters) :

स्थान का चयन (Selection of Site ) : अनेक उभयचर अपने अंडे भूमि पर सुरक्षित और नम सूक्ष्मवासों (microhabitats) में देते हैं। अनेक उष्टकटिबंधीय मेंढक अपने अंडे जल के निकट भूमि पर देते हैं। अनेक वृक्ष मंडूक (Hyllodes) भूमि की बजाय पानी के ऊपर लटकती हुई पत्तियाँ और टहनियों पर देते हैं।

अंडो या क्षेत्रों की प्रतिरक्षा (Defending Eggs or Territories): हरे मेंढक (Rana Clamitans) व अन्य जातियो के नर अपने क्षेत्रों का संरक्षण करते हैं और अंडों को बचाने के लिये छोटे घुसपैठियों पर आक्रमण करते हैं। कुछ वृक्ष मंडक अंडे के पास बैठते हैं या उन पर विश्राम करते हैं।

सीधा परिवर्धन (Direct Development) स्थलीय या वृक्ष मंडूक (Eleutherodactylus) और हाइला (Hyla nebulosa) में अंडे सीधे छोटे मेंढकों में सफुटित होते हैं। इस प्रकार डिम्मीय नश्वरता से बच जाते हैं।

फेन नीड़ (Foam Nests ): अनेक उभयचर विपुल श्लेष्मल स्त्रावों को अपने शिशुओं के लिए नौड़ों में परिवर्तित कर लेते हैं जैसे दक्षिणी अमरीकी वृक्ष मंदूक (Lepro dactylus mystaeunuo) की मादा श्लेष्मा का फेनिल पिंड बनाती हैं। उसे जल के निकट छिद्रों में भर देती हैं और उसमें अंडे देती हैं। इन नीड़ों में परिवर्धित टेडपोल तुरन्त जल में प्रवेश कर सकते हैं।

पंक नीड़ (Mud Nest) : ब्राजील के वृक्ष मंडक (Hyla fabre) का नर छिछले पानी में कीचड़ में एक छोटा ज्वालामुखी विवटसदृश छिद्र या शिशु सदन (nursery) खोदता हैं जिसमे मादा अंडे देती हैं। टेडपोल इस सुरक्षित घेरे में स्फुटित होते हैं और स्वयं की रक्षा करने योग्य प्रर्याप्त बड़े होने तक परिवर्धन करते हैं। उदा. Hylaresin fictrire

वृक्ष नीड़ (Tree Nestsd ) : दक्षिणी अमरीकी वृक्ष मेंढक (Phyllomedusa hypochandrales) मुडी पत्ती के नीड में अंडे देता हैं। जब टेडपोल बन जाता है तो वे सीधे पानी में नीचे गिर जाते हैं।

जिलेटिनो थैले (Gelantinous Bags ) : ( Phrynidalus firoi) में बड़े अंडे, मादा द्वारा स्त्रावित और पर्वतीय जल धारा में छोड़े गये एक बेलनाकार पारदर्शी जिलेटिनो कलामय थैले में बन्द होते हैं।

(A) एक वृक्ष मंडूक जल के ऊपर लटकती हुई पत्ती पर चिपके अंडो की चौकसी करता हुआ । (B) जल के निकट लालूसुरंग के अन्दर रैकोफोरस श्लीगेली(Rhacophorus schelegeli) का फल नीड़ (C) जल पर उतरता फेननी (D) हाइला फ्रैबर (Hyla fabre) का पकनीड


2. माता पिता द्वारा सीधा रक्षण (Direct Caring By Parents ): 

अंडो के चारों ओर कुंडलन (Colling Around Eggs) : कांगो ईल (Amphiuma) और इक्थिओफिस (Lathyophis) की मादा गीली मिट्टी में अंडे देती हैं और सावधानी से अपने शरीर को उनके चारों और कुंडलित करके तब तक उनकी चौकसी करती है, जब तक वे स्फुटित नहीं होते हैं।




टेडपोल्स का जल में स्थानान्तरण (Transforming of tadpoles to water) : अफ्रीका और दक्षिणी अमरीका की छोटे मेंढको की कुछ जातियां जैसे Phyllobates, Pelobates आदि अपने अंडे भूमि पर रख देती हैं स्फुटित हुए टेडपोल अपने चूषक समान मुख से माता पिता की पीठ से चिपक जाते हैं और पानी में पहुँचा दिये जाते हैं। शरीर पर चिपके अंडे (Egg glued to body) अनेक उभयचर अंडो को अपने शरीर पर चिपका कर ले जाते हैं। उदा. के लिये यूरोप के धातृभेक Midwife toad Alytes Obstetricatins हैं। जब मादा अंडे देती हैं। नर अपनी पश्च टांगों के चारो और फँसा लेता हैं। वह उन्हे तब तक साथ लिए फिरता हैं जब तक वे स्फूटन के लिए तैयार नहीं होते हैं उस समय वह टैडपोल्स को निकटतम जल में छोड़ देता है। पीठ की धानियों में अंडे (Eggs in back poaches) शिशुधानी मेंढक या भेक (marsupial) नामक वृक्ष मंडूक में मादा अंडों को अपने पीठ पर या एक बन्द धानी या पृथक पृथक कोटरिकाओं में धारण करती हैं अपनी माता की पीठ छोड़ने से पूर्व अंडे लघु मेंढकों में परिवर्तित हो जाते हैं।



भ्रूणधानियों की भांति अंग (Organs as brooding poches) : दक्षिणी अमरीकी मेंढक का नर (rinoderms darwini) कम से कम दो निषेचित अंडो को बड़े वाक कोषों में धकेल देता हैं। इसमें पूर्व परिवर्धन के बाद पूर्णतया विकसित मंडूकको (Froglets) भांति बाहर निकलते हैं। पश्चिम अफ्रीका का वृक्ष मंडूक अपने अंडो को मूखगुहा में रखते हैं।


जरायुजता (Viviparity) : कुछ ऐन्युरन्स अंड जरायुज (ovo viviparous) होते हैं। मादोय अंडो को अपनी अंड वाहिनियों में रोक लेती हैं और जीवित शिशुओं को जन्म देती हैं। उदा. स्यूडोफ्राइन (Pseudo phryne), डर्मोफिस (Dermophis) आदि हैं।


(A) मादा इक्विथयोफिस (lethyophis) अंडों के चारों ओर से लिपटी (B) जनक की पीठ से चिपके टैडपोल का परिवहन (C) गरदन पर चिपके अंडों सहित डैस्मोग्नेथस फस्कस (Desmognathous fuscus) (D) जंघाओं पर लिपटे अंडों सहित नर एलाइटीज ऑब्स्टैट्रिकैन्स (Alytes obstericans) (E) पीठ पर खुली भ्रूणधानी में अनावृत्त अंडों एक शिशुधानी मेंढक (F) पृष्ठ भ्रूणधानी का एक परदा काटकर अंडों को दर्शाते हुए नोटोट्रेमा (Nototrema) या गैस्ट्रोथीका (Gastrotheca) (G) पाइपा (Pipa) में मादा की पीठपर अंडे पृथक-पृथक सपुट्टिकाओं में परिवर्तन करते हुए H-नर के राइनोडर्मा डार्विनाई (Rhinoderma darwinii) के कटे हुए वाक् कोषों के अन्दर मंडूकक(froglets)


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